कनाडा में अगले साल अक्टूबर में चुनाव हो सकते हैं। इससे पहले आया एक सर्वे प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और लिबरल पार्टी के लिए टेंशन का कारण भी बन सकता है।
संकेत मिल रहे हैं कि देश में हिंदू और सिख मतदाता बड़ी संख्या में कंजर्वेटिव पार्टी को मतदान कर सकते हैं।
वहीं, सर्वे से यह भी पता चला है कि ट्रूडो की पार्टी मुस्लिम और यहूदियों का भी समर्थन खोती नजर आ रही है।
क्या कह रहे हैं आंकड़े
एन्गस रीड इंस्टीट्यूट या ARI की तरफ से जारी ताजा सर्वे में कहा जा रहा है कि कंजर्वेटिव के पास हिंदू समर्थन 53 फीसदी पर है।
जबकि, सिख के मामले में यह एक पॉइंट ज्यादा है। इससे उलट, लिबरल्स को 22 फीसदी हिंदुओं और 21 फीसदी सिखों का समर्थन हासिल है। कहा जा रहा है कि कंजर्वेटिव्स के प्रति इन समुदायों का रुझान काफी अहम है।
इसकी एक वजह यह भी है कि ये ग्रेटर टोरंटो एरिया, मेट्रो वेंकूवर और कैलगरी में बड़े मतदाता समूह के तौर पर सामने आते हैं और आगामी चुनावों में यह काफी अहम साबित हो सकता है।
मुस्लिम भी नहीं कर रहे ट्रूडो का समर्थन?
गाजा और इजरायल के मामले में लगातार संतुलन बनाने की कोशिश में लगी ट्रूडो सरकार के हाथों से मुस्लिम और यहूदी समर्थन भी छिटकता नजर आ रहा है।
खबर है कि 41 फीसदी मुस्लिम न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी या NDP का समर्थन कर रहे हैं। जबकि, लिबरल्स के मामले में आंकड़ा 31 प्रतिशत पर है।
इधर, कनाडा में रहने वाले यहूदियों का भी 42 फीसदी समर्थन हासिल है। खास बात है कि कनाडा में रहने वाले मुसलमानों का 15 फीसदी समर्थन कंजर्वेटिव को मिल रहा है।
क्या कहते हैं आंकड़े
स्टैटिक्स कनाडा की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2021 जनगणना में देश में 8 लाख 30 हजार हिंदू रहते हैं। ये कुल आबादी का करीब 2.3 फीसदी है।
खास बात है कि इन संख्या बीते 20 सालों में दोगुनी से ज्यादा हो गई है। इसी तरह सिख आबादी 7 लाख 70 हजार है और आबादी 20 सालों में दोगुनी से ज्यादा हो गई है।