अजरबैजान। भारत ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन में ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए 300 अरब अमेरिकी डॉलर के नए जलवायु वित्त पैकेज को रविवार को खारिज कर दिया। भारत ने इस खारिज करते हुए कहा कि यह बहुत कम है और बहुत देर से दिया गया है।
‘ग्लोबल साउथ’ का संदर्भ दुनिया के कमजोर या विकासशील देशों के लिए दिया जाता है। अजरबैजान में हुई संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता में राष्ट्रों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए 300 अरब अमेरिकी डॉलर के वित्त समझौते पर सहमति जताई। आर्थिक मामलों के विभाग की सलाहकार ने भारत की ओर से बयान देते हुए कहा कि उन्हें समझौते को अपनाने से पहले अपनी बात रखने की अनुमति नहीं दी गई।
उन्होंने कहा कि 300 अरब अमेरिकी डॉलर विकासशील देशों की जरूरतों और प्राथमिकताओं के अनुरूप नहीं है। यह सीबीडीआर और समानता के सिद्धांत के साथ अनुरूप नहीं है। भारतीय वार्ताकार ने कहा कि हम इस प्रक्रिया से नाखुश और निराश हैं और इस एजेंडे को अपनाए जाने पर आपत्ति जताते हैं। नाइजीरिया ने भारत का समर्थन करते हुए कहा कि 300 अरब अमेरिकी डॉलर का जलवायु वित्त पैकेज एक मजाक है। मलावी और बोलीविया ने भी भारत का समर्थन किया है।
भारत ने 300 अरब अमेरिकी डॉलर के जलवायु वित्त समझौते को किया खारिज
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