नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम में फुटबॉल मैच के बाद यहूदी विरोधी दंगाइयों ने इजरायली समर्थकों पर हमला किया, जिसके बाद पांच लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया जबकि 62 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है।
एम्सटर्डम पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। पुलिस ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि उसने हिंसा की अलग-अलग घटनाओं की जांच शुरू कर दी है।
हालांकि पुलिस ने बृहस्पतिवार रात हुई हिंसा में घायल हुए लोगों और हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी।
इस घटना पर अमेरिका के राष्ट्रपति ने भी गुस्सा जाहिर किया है। जो बाइडेन ने कहा, “एम्स्टर्डम में इजरायली फुटबॉल प्रशंसकों पर यहूदी विरोधी हमले घृणित हैं और इतिहास के उन काले क्षणों की याद दिलाते हैं जब यहूदियों को सताया गया था।
हम इजरायली और डच अधिकारियों के संपर्क में हैं और अपराधियों को जवाबदेह ठहराने के लिए डच अधिकारियों की प्रतिबद्धता की सराहना करते हैं। हमें यहूदी विरोधी भावना से लगातार लड़ना चाहिए, चाहे वह कहीं भी उभरे।”
इस बीच बुडापेस्ट में यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए नीदरलैंड के प्रधानमंत्री ने कहा कि वे इस घटना को लेकर शर्मिंदा हैं।
उन्होंने कहा, “यह एक भयानक यहूदी विरोधी हमला है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम अपराधियों पर मुकदमा चलाएंगे। और मुझे इस बात पर बहुत शर्म आती है कि 2024 में नीदरलैंड में ऐसा हो सकता है।” पीएम शूफ ने आगे कहा कि वह स्थिति की समीक्षा करने के लिए शिखर सम्मेलन से जल्दी निकलकर एम्स्टर्डम जाएंगे।
नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक शूफ ने ‘एक्स’ पर कहा कि उन्होंने हिंसा की खबरें देखी हैं। उन्होंने कहा, “इजरायलियों पर यहूदी विरोधी हमले पूरी तरह से अस्वीकार्य हैं। मैं इस मामले से जुड़े सभी लोगों के साथ निकट संपर्क में हूं।”
शूफ ने कहा कि उन्होंने नेतन्याहू से बात की और उन्हें अपराधियों को पकड़कर सजा दिलाने का आश्वासन दिया है। एम्स्टर्डम से ऐसे वीडियो सामने आए हैं जिनमें देखा जा सकता है कि कथित फिलिस्तीन समर्थक इजरायल के यहूदियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीट रहे हैं।
इससे पहले एम्सटर्डम की महानगरपालिका, पुलिस और अभियोजन कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि एजेक्स और मैकाबी तेल अवीव टीमों के बीच खेला गया यूरोपा लीग का मैच “ बहुत ही व्यवधानपूर्ण रहा, जिसमें मैकाबी के समर्थकों को निशाना बनाकर हिंसा की कई घटनाएं हुईं।”
नीदरलैंड और इजरायल दोनों देशों के नेताओं ने हमले को यहूदी विरोधी करार देते हुए निंदा की। इजरायल ने कहा कि वह प्रशंसकों को देश वापस लाने के लिए जहाज एम्सटर्डम भेज रहा है। हालांकि तत्काल यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि हिंसा मैच के बाद कब और कहां हुई।
एम्सटर्डम के बयानों में कहा गया है, “शहर में कई जगहों पर समर्थकों पर हमले किये गये। पुलिस को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा, इजरायली समर्थकों को बचाकर होटलों तक ले जाया गया। शहर में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों की तैनाती के बावजूद, इजरायली समर्थकों पर हमला हुआ है।” बयान में कहा गया है, “इजरायली समर्थकों के प्रति हिंसा अस्वीकार्य है और इसका किसी भी तरह से बचाव नहीं किया जा सकता। ”
अधिकारियों ने कहा कि आने वाले दिनों में अतिरिक्त पुलिसकर्मी शहर में गश्त करेंगे और शहर में यहूदी संस्थानों पर सुरक्षा बढ़ाई जाएगी।
एम्स्टर्डम के मेयर फेम्के हल्सेमा ने फुटबॉल स्टेडियम के पास फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बावजूद हिंसा भड़क उठी। उन्होंने प्रदर्शनकारियों और इजरायली फुटबॉल क्लब के समर्थकों के बीच झड़पों की आशंका जताई थी।
हालांकि हल्सेमा ने शुक्रवार को बताया कि आतंकवादी रोधी विभाग ने कहा है कि इजरायली फुटबॉल प्रशंसकों पर हमले की आशंका के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं थी। इजरायल ने इजरायलियों को देश वापस लाने के लिए दो विमान एम्सटर्डम भेजने का आदेश दिया है।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने एक बयान में कहा, “एम्स्टर्डम में हमारे नागरिकों पर हमले को नजरअंदाज नहीं किया जाएगा” और नेतन्याहू “इस भयावह घटना को अत्यंत गंभीरता से ले रहे हैं।” उन्होंने नीदरलैंड सरकार से इस मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की।
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