बीजिंग । एक हालिया स्टडी में चीन को लेकर खाने और पारंपरिक चिकित्सा के लिए पाले जाने वाले दो जानवरों से कोविड-19 से भी खतरनाक वायरस आने का संदेह जताया गया है। दावा किया गया कि आमतौर पर फर के लिए पाले जाने वाले रैकून कुत्ते और मिंक में कई वायरस पाए गए हैं, जिनमें से कुछ मानव लोगों की हैल्थ के लिए काफी ज्यादा डेंजर पैदा कर सकते हैं।
साल 2021 से 2024 के बीच चीन में यह रिसर्च की गई। जिसके बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि ये जानवर उभरते रोगजनकों के भंडार के रूप में काम कर सकते हैं। इसकी वजह से संभावित रूप से नई महामारी फैल सकती है। बताया गया कि चीन में फर फ़ार्म पर बीमारी के कारण मृत पाए गए 461 अलग-अलग जानवरों के नमूने एकत्र किए। इन जानवरों में मिंक, रैकून कुत्ते, लोमड़ी, गिनी पिग और खरगोश शामिल थे। इन जानवरों के फेफड़ों, आंतों और अन्य अंगों के टिशूज की जांच की, जिसमें 125 अलग-अलग तरह के वायरस सामने आए। दावा किया गया कि इन 125 वायरस में से 36 नए दम नए थे। वैज्ञानिकों की चिंता का कारण यह है कि चीन में इस स्टडी के दौरान कुल 39 ऐसे वायरस पाए गए, जिन्हें हाई-रिस्क की कैटेगिरी में रखा गया है। कहा गया कि इन वायरसों के लोगों के अलावा अन्य प्रजातियों में संक्रमित होने का भी खतरा है। जिन वायरस का पता चला है उनमें गिनी पिग, मिंक और मस्करैट्स में इन्फ्लूएंजा ए वायरस के कई प्रकार पाए गए। स्टडी के मुताबिक इसमें एच1एन2, एच5एन6 और एच6एन2 वायरस शामिल हैं। साथ ही रिसर्चर्स ने कई कोविड-19 जैसे वायरस की पहचान की, जो इन जानवरों से जुड़े हैं।
दावा किया गया कि कोरोनावायरस की सात अलग-अलग प्रजातियों का पता चला है। हालांकि रिसर्च में यह भी कहा गया कि कोई भी सार्स कोव-2 वायरस का करीबी नहीं है। यही वो वायरस था जो कोविड का कारण बनता था। मालूम हो कि दुनिया भर में कोविड-19 का कहर तो आपको याद ही होगा। चीन के वुहान शहर में पनपे इस वायरस के कारण इतनी लाशें गिरी कि उसका सही-सही पता लगा पाना किसी के लिए भी संभव नहीं है।
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