नई दिल्ली । भारतीय जनता पार्टी सांसद जगदम्बिका पाल वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की अध्यक्षता करेंगे। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में विधेयक पेश किया था और सदन में प्रस्तावित संशोधनों पर संक्षिप्त चर्चा हुई थी।
भाजपा के सहयोगी दल तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने विधेयक का पूरा समर्थन किया, हालांकि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (एसपी) और एआईएमआईएम सहित विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया। उल्लेखनीय है कि जेपीसी, एक तदर्थ संसदीय समिति है, जिसका गठन 31 सदस्यों के साथ किया गया है, जिसमें 21 लोकसभा से और 10 राज्यसभा से हैं। लोकसभा में पैनल के 12 सदस्य सत्तारूढ़ एनडीए से हैं, जिनमें से आठ भाजपा से हैं। इसके अलावा, जेपीसी के नौ सदस्य विपक्ष से हैं। जेपीसी में लोकसभा सदस्य पाल (अध्यक्ष), निशिकांत दुबे, तेजस्वी सूर्या, अपराजिता सारंगी, अभिजीत गंगोपाध्याय, संजय जायसवाल, दिलीप सैकिया, डीके अरुणा हैं। ये सभी सदस्य भाजपा से हैं।
वहीं कांग्रेस से गौरव गोगाई, इमरान मसूद और मोहम्मद जावेद को इसका सदस्य बनाया गया है। सपा से मौलाना मोहिबुल्ला नदवी, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी, द्रमुक के ए. राजा, तेलुगू देसमपार्टी (तेदेपा) के लावू श्रीकृष्णा, जनता दल (यूनाडेड) के दिलेश्वर कामत, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के सुरेश गोपीनाथ महत्रे, शिवसेना के नरेश गणपत म्हास्के, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अरुण भारती और एआईएमआईएम के असदुद्दीन औवैसी भी समिति में शामिल हैं।
वहीं राज्यसभा से समिति में बृजलाल, मेधा विश्राम कुलकर्णी, गुलाम अली, राधामोहन दास अग्रवाल (सभी भाजपा), सैयद नासिर हुसैन (कांग्रेस), मोहम्मद नदीमुल हक (तृणमूल कांग्रेस), वी विजय साई रेड्डी (वाईएसआर कांग्रेस), एम मोहम्मद अब्दुल्ला (द्रमुक), संजय सिंह (आम आदमी पार्टी) और डी वीरेंद्र हेगड़े (मनोनीत) को शामिल किया गया है।
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