पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के दौरान संदेशखाली का मुद्दा थमने का नाम नहीं ले रहा है।
अब संदेशखाली की एक महिला ने हालिया स्टिंग वीडियो और तीन महिलाओं द्वारा दर्ज की गई रेप की शिकायतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
महिला की मांग है कि संदेशखाली में हालिया घटित इन सभी घटनाओं की अदालत की निगरानी में जांच होनी चाहिए। यह महिला वही हैं, जिन्होंने पहले दावा किया था कि उन्हें कोरे कागज पर साइन करने के लिए मजबूर किया गया था।
सोमवार को बंगाल के महाधिवक्ता किशोर दत्त ने कलकत्ता हाई कोर्ट के सामने महिला की इस याचिका के बारे में जानकारी दी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सप्ताह तक मामला सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पेश किया जाएगा।
दरअसल, कलकत्ता हाई कोर्ट के जज जस्टिस जय सेनगुप्ता भाजपा नेता गंगाधर कोयल द्वारा दाखिल एक याचिका की सुनवाई कर रहे थे।
कोयल ने संदेशखाली में यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर प्रसारित कथित स्टिंग वीडियो से जुड़े मामले को राज्य पुलिस से सीबीआई में ट्रांसफर करने की गुहार लगाई है। उन्होंने आशंका जताई कि उनकी जान को खतरा है और वीडियो की वजह से संदेशखाली में तनाव पैदा हो रहा है।
मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी। संदेशखाली के भाजपा नेता कोयल ने अपनी याचिका में दावा किया है कि तकनीक की मदद से वीडियो में उनकी आवाज से मिलती-जुलती आवाज डाली गई है और उन्हें बदनाम करने के लिए इसे प्रसारित किया जा रहा है।
कोयल ने दावा किया कि वीडियो की वजह से संदेशखाली में तनाव पैदा हो रहा है और उन्हें अपनी जान को खतरा महसूस हो रहा है। उन्होंने अदालत से केंद्रीय बल की सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश देने का भी आग्रह किया।
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृण्मूल कांग्रेस ने हाल में कथित स्टिंग का एक वीडियो प्रसारित किया है जिसमें कोयल दिखाई दे रहे हैं।
हालांकि कथित वीडियो की सत्यता की प्रमाणिकता पर संदेह है। वीडियो में कोयल जैसा दिख रहा व्यक्ति दावा कर रहा है कि संदेशखाली में यौन उत्पीड़न के लगाए गए आरोप ‘गढ़े’ गए थे।
याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि वह कथित वीडियो में उसकी फर्जी आवाज को लेकर सीबीआई अधिकारियों से मिल चुके हैं।
सीबीआई कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश पर उत्तर 24 परगना के संदेशखाली में कथित यौन उत्पीड़न और जमीन कब्जाने के मामलों की जांच कर रही है।