अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान आया है।
मंत्रालय की ओर से कहा गया कि हर लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जिम्मेदारी की भावना और सार्वजनिक सुरक्षा के बीच सही संतुलन होना चाहिए।
मालूम हो कि गाजा में इजरायल के सैन्य हमले को लेकर कोलंबिया विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
कोलंबिया यूनिवर्सिटी में हुए प्रदर्शन के बाद हाल के दिनों में येल और न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय सहित कई अन्य शैक्षणिक संस्थानों में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हमने इस मामले पर रिपोर्टों को देखा है और हम संबंधित घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं। प्रत्येक लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जिम्मेदारी की भावना और सार्वजनिक सुरक्षा व व्यवस्था के बीच सही संतुलन होना चाहिए।’
उन्होंने अपनी साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि लोकतांत्रिक देशों को विशेष रूप से अपने जैसे अन्य देशों के बारे में इस समझ को प्रदर्शित करना चाहिए। आखिरकार, हम सभी का मूल्यांकन इस आधार पर किया जाता है कि हम स्वदेश में क्या करते हैं, न कि हम विदेश में क्या कहते हैं।
कई विश्वविद्यालयों में इजरायल-गाजा संघर्ष के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
रिपोर्ट के अनुसार फ्रांस, अमेरिका के कैलीफोर्निया विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी यूनिवर्सिटी, मिशिगन विश्वविद्यालय, टेक्सास यूनिवर्सिटी सहित अन्य देशों के विद्यार्थियों ने इजरायली हमले के खिलाफ जमकर विरोध प्रदर्शन किया है, जिससे विद्यार्थियों की बड़े पैमाने पर गिरफ्तारी हुई है।
लॉस एंजिल्स के पुलिस विभाग ने दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में गाजा पर इजरायल के हमले के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने वाले 94 लोगों की गिरफ्तारी की पुष्टि की।
एलएपीडी कैप्टन केली मुनिज़ के हवाले से बताया गया कि 93 लोगों को अतिचार के उल्लंघन पर गिरफ्तार किया गया, जबकि एक अन्य गिरफ्तारी धारदार हथियार से हमला करने के मामले में हुई है।
वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिकी विश्वविद्यालयों में फिलिस्तीन समर्थक विद्यार्थियों के विरोध प्रदर्शन की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनों को रोकना होगा।