पंजाब में भाजपा उम्मीदवारों को लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर प्रचार करने में मुश्किलें पेश आ रही हैं।
खासतौर से ग्रामीण हिस्सों में, जहां विभिन्न किसान संगठनों ने राज्य में केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों को आने की इजाजत नहीं देने की अपील की है।
बीजेपी अब तक पंजाब की 13 सीटों में से 9 पर अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।
मालूम हो कि यहां कि सभी सीटों पर सातवें और आखिरी चरण में 1 जून को वोट डाले जाएंगे। अगर बीते 15 दिनों की बात करें तो यहां भाजपा उम्मीदवारों को विभिन्न किसान समूहों के करीब 40 विरोध प्रदर्शनों का सामना करना पड़ा है।
उन्होंने न केवल बीजेपी विरोधी नारे लगाए और काले झंडे दिखाए, बल्कि कई मौकों पर उनके साथ धक्का-मुक्की भी हुई।
संयुक्त किसान मोर्चा ने भाजपा उम्मीदवारों को विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में प्रचार करने की इजाजत नहीं देने की अपील की है।
पंजाब पुलिस की खुफिया शाखा के आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा 15 विरोध प्रदर्शन फरीदकोट निर्वाचन क्षेत्र में हुए हैं। यहां से भाजपा ने हंसराज हंस को चुनावी मैदान में उतारा है।
उन्होंने 4 अप्रैल को अपना प्रचार अभियान शुरू किया। इसके बाद से गायक-राजनेता को लगभग हर दिन किसान संघों के विरोध का सामना करना पड़ा है।
पिछले बुधवार को अरैनवाला गांव में उत्तर पश्चिम दिल्ली के निवर्तमान सांसद हंसराज को किसानों ने रैली स्थल तक पहुंचने से रोक दिया।
ऐसी स्थिति में एक एसपी-रैंक अधिकारी के नेतृत्व में बड़ी पुलिस इकाई को हस्तक्षेप करना पड़ा। इस दौरान 25 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया।
कांग्रेस के 3 पूर्व नेताओं को Y कैटेगरी की सुरक्षा
इस बीच, पंजाब कांग्रेस के 3 पूर्व नेताओं को केंद्र सरकार ने Y कैटेगरी की वीआईपी सुरक्षा मुहैया कराई है जिसके तहत इनकी सुरक्षा में अर्द्धसैनिक बलों के कमांडो तैनात रहेंगे।
इन तीन नेताओं में से 2 भाजपा में शामिल हो चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि विक्रमजीत सिंह चौधरी, उनकी मां करमजीत कौर चौधरी और तजिंदर सिंह बिट्टू को केंद्रीय खुफिया एजेंसियों द्वारा खतरे का पता चला। इसे देखते हुए वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है।
करमजीत कौर और बिट्टू हाल ही में भाजपा में शामिल हुए हैं। केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को गृह मंत्रालय की ओर से सुरक्षा कवर प्रदान करने का निर्देश दिया गया।
फिल्लौर से विधायक विक्रमजीत सिंह चौधरी को हाल ही में कांग्रेस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में निलंबित कर दिया था।