अगर आप सावधि जमा (एफडी) में निवेश करते हैं या लोन लेने की सोच रहे हैं तो 5 अप्रैल यानी आज का का दिन आपके लिए अहम हो सकता है।
दरअसल, रिजर्व बैंक के नए वित्तीय वर्ष की पहली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बैठक के नतीजों का ऐलान होने वाला है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास एमपीसी के फैसलों की घोषणा करेंगे।
क्या है उम्मीदें
ऐसी उम्मीद है कि केंद्रीय रिजर्व बैंक एक बार फिर प्रमुख नीतिगत दर रेपो को यथावत रखेगा और मुद्रास्फीति नियंत्रण पर अपना ध्यान बनाए रख सकता है।
आर्थिक वृद्धि दर को लेकर चिंताएं कम होने से खुदरा मुद्रास्फीति पर ही ध्यान रहने की उम्मीद है।
बता दें कि रिजर्व बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो दर में बढ़ोतरी की थी और तब से यह लगातार 6.5 प्रतिशत पर बरकरार है।
पिछली छह द्विमासिक नीतियों में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया। मतलब ये कि 7वीं बार भी किसी बदलाव की उम्मीद नहीं की जा रही है।
राहत की उम्मीदों को झटका
अगर रिजर्व बैंक रेपो दर में बदलाव नहीं करता है तो ये उन लोगों के लिए झटका है जो होम या ऑटो लोन लेना चाहते हैं।
जिन लोगों को लोन की ईएमआई पर राहत की उम्मीदें थीं, उनके लिए भी निराश करने वाली खबर होगी। हालांकि, एफडी निवेशकों के लिए राहत है।
दरअसल, रेपो दर में बढ़ोतरी के कारण ज्यादातर सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों में सावधि जमा पर ब्याज दरें 8% तक पहुंच गई हैं।
कई छोटे वित्त बैंक एफडी पर लगभग 9% ब्याज दर भी दे रहे हैं। वरिष्ठ नागरिक निवेशकों के लिए एफडी पर ब्याज दर एक समय 9.5% तक पहुंच गई थी।
लगातार ब्याज बढ़ने की वजह से एक बार फिर यह कई लोगों के लिए एक आकर्षक निवेश विकल्प बन गया है।