मुंबई। महाराष्ट्र के डिप्टी मुख्यमंत्री अजित पवार आजकल काफी गुस्से में नजर आने लगे हैं। सियासी समस्याएं जो भी हों पर जनता अपनी समस्याएं तो बताएगी ही। बारामती के दौरे पर पहुंचे अजित पवार एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान वह अपना आपा खो बैठे। दौरे के दौरान नागरिकों ने उन्हें विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया। कुछ नागरिकों ने विकास कार्यों में देरी को लेकर शिकायत की, जिस पर अजित पवार भड़क गए। उन्होंने कहा, आपने मुझे वोट दिया है, इसका मतलब यह नहीं कि आप मेरे मालिक बन गए। क्या आपने मुझे खेतिहर मजदूर बना दिया है? उनके इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है।
इस मौके पर अजित पवार ने एमआईडीसी (महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम) के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि बारामती में किसी भी भूखंड का दर्जा आवासीय से व्यावसायिक में उनकी अनुमति के बिना न बदला जाए। उन्होंने कहा, हमने कुछ भूखंडों को व्यावसायिक बनाया ताकि उद्योग स्थापित हों और स्थानीय लोगों को रोजगार मिल सके। लेकिन एमआईडीसी अधिकारी भूखंडों का दर्जा बदलने की होड़ में न लगें। मेरी जानकारी के बिना एक भी भूखंड का दर्जा नहीं बदला जाएगा।
अजित पवार ने बारामती तालुका क्रय-विक्रय संघ परिसर में एक पेट्रोल पंप का उद्घाटन किया। इस दौरान मौजूद नागरिकों और कार्यकर्ताओं ने लंबित कामों को लेकर सवाल उठाए। एक कार्यकर्ता ने कहा कि क्षेत्र में कई विकास कार्य अब तक पूरे नहीं हुए हैं। इसे लेकर नागरिकों ने पवार से जवाब मांगा। इस पर डिप्टी सीएम ने पहले अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास कार्य जल्द शुरू किए जाएं। लेकिन नागरिकों की बढ़ती शिकायतों पर वह नाराज हो गए और तीखी प्रतिक्रिया दी।
डिप्टी सीएम की नाराजगी पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया सामने आई है। कुछ इसे जनप्रतिनिधि का अहंकार मान रहे हैं, जबकि अन्य का कहना है कि मतदाताओं को भी अपना व्यवहार संतुलित रखना चाहिए। अजित पवार के बयान ने सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है।
लोगों ने समस्याएं बताईं तो भड़के अजित पवार बोले- मुझे खेतिहार मजदूर समझ रहे हैं क्या?
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