नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव को बीते बहुत वक्त नहीं हुए जब कांग्रेस और आप दोनों दल साथ में दिल्ली की गलियों में चुनाव प्रचार कर रहे थे। अब दिल्ली चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच तल्खी काफी बढ़ गई है और ऐसा माना जा रहा है कि इसका असर इंडिया गठबंधन पर भी पड़ सकता है। आप के नेताओं की ओर से गुरुवार कांग्रेस पर न केवल बीजेपी के साथ मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए गए बल्कि इंडिया गठबंधन से बाहर कराने तक की चुनौती दे दी गई। आप की ओर से जो कहा गया उसके अलग-अलग राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस पर आप की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए भाजपा से मिलीभगत करने का आरोप लगाया। दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की हरकतों की वजह से इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस गठबंधन की एकता को नुकसान हो रहा है। आप नेताओं ने कहा कि हमने हरियाणा चुनाव के दौरान कांग्रेस के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला। कांग्रेस फिर भी बीजेपी की तरह काम कर रही है। कांग्रेस के उम्मीदवारों की सूची देखें तो लगता है कि जैसे भाजपा के कार्यालय में बनी हो। कांग्रेस नेता अजय माकन और संदीप दीक्षित बीजेपी पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय आम आदमी पार्टी को निशाना बना रहे हैं।दोनों दलों के बीच की इस लड़ाई के पीछे राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आप और कांग्रेस दोनों का बेस एक ही है। मान लीजिए जिस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस बढ़ेगी तो आम आदमी पार्टी पीछे रह जाएगी। आम आदमी पार्टी बढ़ी तो इसका उदाहरण साफ दिखा कि कांग्रेस पीछे रह गई। 2013 के चुनाव के बाद से ही देखने को मिला है कि कांग्रेस का वोट बैंक पूरी तरह आम आदमी पार्टी की ओर शिफ्ट हो गया।
आप ने कांग्रेस पर आरोप लगाए तो निकाले जाने लगे सियासी मायने
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