रायपुर: एयर इंडिया के अधिकारियों की लापरवाही के कारण एक छात्र को अपनी हवाई यात्रा से वंचित होना पड़ा। जिला फोरम ने एयरलाइन कंपनी के अधिकारियों की लापरवाही और सेवा में कोताही मानते हुए एयर इंडिया पर 91260 रुपए का जुर्माना लगाया है। फोरम के अध्यक्ष ने 45 दिनों के भीतर जुर्माना भरने का आदेश भी दिया है।
नियमों का हवाला देते हुए यात्रा करने से रोका
न्यू पुरैना के निवासी आदित्य श्रीवास्तव ने 28 अगस्त 2019 को एयर इंडिया के माध्यम से बर्लिन (जर्मनी) के लिए तीन टिकट बुक की थीं। यह यात्रा रायपुर से दिल्ली, फिर दिल्ली से स्टॉकहोम और अंत में स्टॉकहोम से बर्लिन के लिए कनेक्टिंग फ्लाइट थी। 1 नवंबर 2019 को आदित्य अपने सामान के साथ रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर दिल्ली जाने के लिए पहुंचा, लेकिन सुरक्षा जांच के दौरान उसे रोका गया। उसे बताया गया कि वह निर्धारित वजन से अधिक सामान ले जा रहा है।
विमानन कंपनी के अधिकारियों ने नियमों का हवाला देते हुए उसे यात्रा करने से मना कर दिया, जबकि आदित्य ने अतिरिक्त सामान के लिए किराया चुकाने की पेशकश की। इसके बावजूद, विमानन कंपनी के अधिकारियों ने उसकी सहायता करने से इनकार कर दिया, जबकि उसने उन्हें बताया कि वह पढ़ाई के लिए दिल्ली होते हुए बर्लिन जा रहा है।
जिला उपभोक्ता फोरम ने दिया फैसला
आदित्य ने इस मुद्दे को जिला उपभोक्ता फोरम में दायर किया और पांच साल बाद फैसला आया। फोरम ने एयर इंडिया को दोषी ठहराया और उन्हें आदित्य को टिकट की कीमत 36,260 रुपए और 6 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने का आदेश दिया। इसके साथ ही, यात्रा से वंचित करने, मानसिक प्रताड़ना और वाद व्यय के लिए एयर इंडिया को 50 हजार रुपए की क्षतिपूर्ति भी देने का आदेश दिया गया।