नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने सेना मुख्यालय, नई दिल्ली से 1971 के युद्ध की तस्वीर हटाने पर चर्चा के लिए सोमवार को लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है। कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने यह भी रेखांकित किया कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 1971 की जीत भारत के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण सैन्य विजयों में से एक है। इस प्रतिष्ठित तस्वीर को हटाना इसके महत्व को कम करने और हमारी सामूहिक स्मृति से इसकी विरासत को मिटाने का एक प्रयास है। इसके अलावा उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि वह तस्वीर को “तुरंत” उसकी मूल स्थिति में बहाल करें।
टैगोर ने कहा, मैं प्रधानमंत्री मोदी सरकार से आग्रह करता हूं कि वह 1971 के आत्मसमर्पण की तस्वीर को तुरंत उसकी मूल स्थिति में बहाल करें और यह सुनिश्चित करें कि इतिहास संशोधनवाद के ऐसे कृत्य दोहराए न जाएं। हमारे इतिहास, हमारी जीत और हमारे सशस्त्र बलों के बलिदान को अत्यंत सम्मान और गरिमा के साथ संरक्षित किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से इस पर एक स्वतंत्र समिति गठित करने की भी मांग की।
कांग्रेस सांसद ने कहा, इसके अलावा मैं सरकार से सभी दलों के सांसदों के साथ एक स्वतंत्र समिति गठित करने का आह्वान करता हूं, जो ऐसे ऐतिहासिक प्रतीकों को हटाने के पीछे के कारणों की जांच करें और हमारी राष्ट्रीय विरासत की रक्षा और संरक्षण के उपायों की सिफारिश करें। इस समिति को सभी क्षेत्रों में अतीत, वर्तमान और भविष्य में इसी तरह की घटनाओं की भी जांच करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करने के लिए निवारक उपाय सुझाने चाहिए कि हमारे इतिहास के साथ किसी भी तरह से छेड़छाड़ न हो। हर साल 16 दिसंबर को भारत 1971 के भारत-पाक युद्ध में अपनी निर्णायक जीत की याद में विजय दिवस (विजय दिवस) मनाता है, जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ। 1971 के युद्ध के दौरान 3,900 भारतीय सैनिकों की मृत्यु हुई और 9,851 घायल हुए थे।
कांग्रेस सांसद टैगोर ने सेना मुख्यालय से युद्ध की तस्वीर हटाने को लेकर दिया स्थगन
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