नई दिल्ली । वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल की आखिरी पूर्णिमा 15 दिसंबर को पड़ रही है। इस दिन आपको भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
सनातन धर्म में मार्गशीर्ष माह को बहुत अहम माना गया है। इस महीने में आने वाले व्रत-त्यौहार का बड़ा महत्व है। धार्मिक मान्यता है के अनुसार, इस माह में आने वाले व्रत-त्यौहार के दिन सच्चे दिल से पूजा-पाठ करने से जीवन की परेशानियां खत्म होती हैं। फिलहाल मार्गशीर्ष माह चल रहा है और मार्गशीर्ष माह खत्म होने से पहले पूर्णिमा तिथि आएगी। यह साल की अंतिम पूर्णिमा होगी। वैदिक पंचांग के अनुसार, साल 2024 और दिसंबर माह की आखिरी पूर्णिमा का व्रत मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि यानि 15 दिसंबर को रखा जाएगा। इस दिन लक्ष्मी-नारायण जी की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ आपको कुछ विशेष नियमों का भी पालन अवश्य करना चाहिए। अगर इन बातों का ध्यान नहीं रखा गया, तब पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है। दरअसल, मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन आपको कुछ कार्यों को करने से बचना चाहिए।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का सीधा संबंध चंद्र देव से है। इस दिन चंद्र देव को अर्घ्य देना और उनकी पूजा करना शुभ माना जाता है। लेकिन इस दिन गलती से भी चंद्र देवता का अपमान नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में परेशानियां बढ़ सकती हैं और सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा की रात का विशेष महत्व होता है। इसमें पूर्णिमा की रात को सोने के बजाय भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख-शांति और धन की बरकत होती है।
पूर्णिमा के दिन दिन बाल, दाढ़ी या नाखून काटने से बचें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी और चंद्र देव नाराज हो सकते हैं। इससे घर में क्लेश और आर्थिक परेशानियां आ सकती हैं। पूर्णिमा के दिन काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए। काला रंग नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। इस दिन हल्के और शुभ रंग जैसे सफेद या पीले कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
आज साल की आखिरी पूर्णिमा, विधि-विधान से करे लक्ष्मी-नारायण जी की पूजा
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