रेल से यात्रा करने वाले लोगों की बल्ले-बल्ले होने जा रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि रेलवे अपने बेड़े में एसी1, एसी2 या एसी3 के बजाय जनरल डिब्बे वाले कोच बढ़ाने पर अधिक ध्यान दे रहा है और दिसंबर के अंत तक ऐसे 1,000 कोच विभिन्न ट्रेनों में जोड़े जाएंगे।
रेल मंत्री के बयान से साफ है कि आने वाले साल में उन यात्रियों को सहूलियत मिलने वाली है, जो लोग ट्रेन के जनरल कोच से सफर करते हैं। केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि मोदी सरकार गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित है।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि आज जनरल कोच बढ़ाने पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। एसी1, एसी2 या एसी3 बढ़ाने पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जनरल कोच पर ध्यान दिया जा रहा है। दिसंबर के अंत तक रेलवे नेटवर्क में 1,000 जनरल कोच जोड़े जाएंगे और 10,000 जनरल कोच के उत्पादन के लिए विशेष कदम उठाया गया है।
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय रेलवे अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत पुनर्विकास परियोजना के तहत 1,300 स्टेशनों का पुनर्निर्माण कर रहा है, जिसे दुनिया में सबसे बड़ा माना जाता है।
गौरतलब है कि इस परियोजना के अंतर्गत देश के कई रेलवे स्टेशनों का पुनर्निर्माण 700-800 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। वहीं, कुछ अन्य का पुनर्निर्माण 100-200 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। लोकसभा में उन्होंने कहा कि एक बार परियोजना पूरी हो जाने पर यह लोगों की उम्मीदों को पूरा करेगी क्योंकि इसका उद्देश्य पूरे भारतीय रेलवे नेटवर्क में रेलवे स्टेशनों को बेहतर बनाना और उनका आधुनिकरण करना है।
इसके अलावा दो अन्य सवालों के जवाब में उन्होंने केरल और तमिलनाडु के सांसदों से कहा कि वे सभी रेलवे को नियोजित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए भूमि अधिग्रहण में मदद करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों के साथ समन्वय करें।
उल्लेखनीय है कि त्योहारों के समय में यात्रियों की अधिक भीड़ होती है। ट्रेनों में जनरल कोच की कमी के कारण काफी यात्री यात्रा नहीं कर पाते हैं। ये समस्या सालों से चलती आ रही है। अब सरकार इस समस्या से निपटने की तैयारी कर रही है।
हाल के दिनों में बदले थे आरक्षण के नियम
ट्रेनों में टिकट के आरक्षण के नियमों को हाल के दिनों में ही बदला गया था। 1 नवंबर से लागू नए नियम के अनुसार अब यात्रा से 60 दिन पहले तक टिकट बुक कर सकते हैं। इससे पहले ये अवधि 120 दिनों की थी। रेलवे ने कहा कि नियमों में बदलाव के बाद यात्रियों को कंफर्म टिकट मिलने में सहूलियत होगी।