मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद सरकार बनाने को लेकर एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की काफी खींचतान चली। हालांकि, मुख्यमंत्री पद समेत महत्वपूर्ण विभागों को लेकर अभी भी महायुति में दरार बनी हुई है। अब चर्चा है कि भाजपा ने नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख और समय की घोषणा कर एकनाथ शिंदे द्वारा अपनाई गई दबाव तंत्र को खारिज कर दिया है। क्योंकि चर्चा यही थी कि गुरुवार को दिल्ली में अमित शाह के साथ बैठक करने के बाद एकनाथ शिंदे उसी रात अकेले मुंबई पहुंचे और दूसरे दिन मुंबई की बैठकें रद्द कर सतारा स्थित अपने गांव जाने का फैसला लेकर दबाव तंत्र का इस्तेमाल किया।दरअसल 288 विधानसभा सीटों में से 137 सीट पर भाजपा पहुंच गई है। सरकार बनाने के लिए 144 सदस्यों की आवश्यकता रहती है। उधर अजित पवार ने भी बीजेपी को समर्थन दिया हुआ है। सूत्रों की मानें तो एकनाथ शिंदे के दबाव तंत्र को देखते हुए भाजपा ने भी शपथ ग्रहण समारोह के तारीख और समय की घोषणा कर शिंदे को सांकेतिक चेतावनी दे दी। शायद बीजेपी ने शिंदे को यह संदेश दे दिया है कि पार्टी उनके दबाव में नहीं आएगी? इसलिए रविवार को अपने गांव से मुंबई पहुंचे एकनाथ शिंदे ने बीजेपी द्वारा मुख्यमंत्री पद की घोषणा किए बिना शपथ ग्रहण समारोह की तारीख घोषित करने के मुद्दे पर सधी हुई प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि शपथ ग्रहण की तारीख तय हो चुकी है, लेकिन मंत्री पद का बंटवारा दिल्ली बैठक के बाद ही किया जाएगा। बहरहाल अब देखने वाली बात ये होगी कि अब जब बीजेपी ने शिंदे के दबाव को खारिज करते हुए शपथ ग्रहण समारोह की तारीख की घोषणा कर दी है, तो क्या शिंदे को सम्मानजनक मंत्री पद मिलेगा?
भाजपा ने नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह की तारीख और समय की घोषणा कर शिंदे के दवाब तंत्र को ख़ारिज किया
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