भोपाल। प्रदेशभर में अपराधो पर अकुंश लगाने के लिये मध्यप्रदेश में सरकार ने लोक सुरक्षा कानून यानि पब्लिक सेफ्टी एक्ट लागू करने की तैयारी कर ली है। इस कानून के तहत रैली-जुलूस, धार्मिक कार्यक्रमों में सीसीटीवी या वीडियो रिकार्डिंग आवश्यक होगी। इतना ही नहीं नियमो के अनुसार दो महीने तक यह सभी वीडियो फुटेज संभाल कर भी रखना होगे। सीसीटीवी लगाने का खर्च संबंधित प्रतिष्ठान या कार्यक्रम के आयोजकों को वहन करना उठाना होगा। जो लोग नियमो को पालन नहीं करेंगे, उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा। गृह विभाग ने लोक सुरक्षा कानून का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, ड्राफ्ट के मुताबिक, शादी चाहे मैरिज गार्डन में हो या निजी स्थान पर, इसकी भी वीडियो रिकॉर्डिंग जरूरी होगी। वहीं किसी जगह 100 से एक हजार तक या उससे ज्यादा लोग इकट्ठा होते हो, या फिर प्रतिदिन आते-जाते हो वहां सीसीटीवी कैमरा लगाना जरूरी होगा। यह जिम्मेदारी आयोजकों की होगी। इसके दायरे में कॉलेज, स्कूल, मॉल, रेस्टोरेंट, अस्पतालों के साथ राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम, रैलियां और जुलूस भी आएंगे। ऐसा होने से संगठित अपराध से पर्दा उठेगा वहीं अपराधिक मामलो में पुलिस जांच में काफी मदद मिलेगी। एमपी में हर 10 साल में 20 फीसदी की दर से आबादी बढ़ रही है, बढ़ती आबादी और शहरीकरण के चलते सर्विलांस की काफी आवश्यकता की जरुरत है। जानकारी के मुताबिक महिला सुरक्षा को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने का सुझाव सामने आया था। मध्य प्रदेश सरकार ने नए कानून के ड्राफ्ट को परीक्षण के लिए लॉ डिपार्टमेंट को भेजा गया है। गौरतलब है कि एमपी में लोक सुरक्षा कानून बनाने की तैयारी साल 2020 से चल रही है, उस समय गृह विभाग ने ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया था। लेकिन तब ये लागू नहीं हो सका लेकिन अब सीएम मोहन यादव ने संभागीय समीक्षा के दौरान हाल ही में इस काम में तेजी लाने के निर्देश दिए थे। पब्लिक सेफ्टी एक्ट लागू के तहत सार्वजनिक और व्यावसायिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाना जरूरी होगा। जो लोग ऐसा नहीं करेंगे, उन्हें जुर्माना भरना पड़ेगा। नये ड्राफ्ट के मुताबिक, शादी चाहे मैरिज गार्डन में हो या निजी स्थान पर, इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग जरूरी होगी।
मध्यप्रदेश सरकार ने की पब्लिक सेफ्टी एक्ट लागू करने की तैयारी
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