राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को मानव तस्करी के एक मामले में छह राज्यों में 22 जगहों पर छापेमारी की। राज्य पुलिस के साथ मिलकर एनआईए की अलग-अलग टीमों द्वारा सुबह से ही तलाशी अभियान जारी है।
बता दें कि संगठित तस्करी नेटवर्क को ध्वस्त करने के उद्देश्य से यह जांच अभियान विशेष इनपुट के आधार पर संदिग्धों के ठिकानों पर चलाया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, कई राज्यों में छापे मारे गए, जिनमें कमजोर व्यक्तियों की तस्करी में शामिल संदिग्ध व्यक्तियों और संगठनों को निशाना बनाया गया।
इस कारण ली जा रही तलाशी
ये समन्वित तलाशी अभियान तस्करी कर जबरन श्रम और शोषण करवाने में लगे एक आपराधिक नेटवर्क की चल रही जांच का हिस्सा है। एनआईए ने स्थानीय पुलिस से मामले को अपने हाथ में ले लिया है। कथित तौर पर यह मामला राज्य की सीमाओं और संभवतः अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की तस्करी से जुड़ा है।
भारत की प्रमुख आतंकवाद निरोधक और जांच एजेंसी एनआईए ने सीमा पार के सिंडिकेट से जुड़े एक बड़े संगठित नेटवर्क के संदेह के बाद मामले को अपने हाथ में ले लिया।
एनआईए ने तेज की कार्रवाई
अधिकारियों ने हाल के वर्षों में मानव तस्करी से निपटने के प्रयासों को तेज कर दिया है, जिसमें तस्करों की आपूर्ति श्रृंखलाओं को बाधित करने और पीड़ितों को बचाने पर अधिक ध्यान दिया गया है। एनआईए की छापामारी ऐसे अपराधों को खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत लंबे समय से मानव तस्करी के मुद्दे से जूझ रहा है, जिसमें हर साल हजारों लोग, विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर समुदायों से तस्करों के शिकार बनते हैं। कड़े कानूनों और अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के बावजूद, तस्करी के नेटवर्क क्षेत्रों में तेजी से फैल रहे हैं।