मुंबई । महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के समर्पण के बाद भी मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस बरकरार है। ठाणे में एक प्रेस वार्ता में शिंदे ने कहा कि मैंने राज्य के लिए काम किया है और आगे भी करता रहूंगा। मुख्यमंत्री भाजपा का होगा और मैं उसे पूरे मन से स्वीकार करूंगा। हालांकि, बीजेपी किसे मुख्यमंत्री बनाएगी, इस पर पत्ते खुलना अभी बाकी है। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिंदे ने महाराष्ट्र की सियासत में मशहूर शेर बन चुके अभी तो उड़ान बाकी है’ भी पढ़ा। शिंदे ने कहा है कि मुझे जब मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी मिली, तब विकास के मामले में महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर था। मैंने इसे पहले नंबर पर लाया। महाराष्ट्र में महिलाओं ने एकतरफा हमारे पक्ष में जनादेश दिया है। हमने उनके लिए लाड़की बहिन योजना शुरू की थी। अपना काम आगे भी जारी रखूंगा। मुख्यमंत्री पद पर फाइनल फैसला भाजपा को करना है। भाजपा हाईकमान जिसे मुख्यमंत्री बनाएगी, उसके अधीन सब मिलकर काम करेंगे। मैं स्पीड ब्रेकर नहीं बनने वाला हूं। 288 विधानसभा सीटों वाली महाराष्ट्र में भाजपा गठबंधन को 230 से ज्यादा सीटों पर जीत मिली है। 132 सीट जीतकर विधानसभा में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। एकनाथ शिंदे की पार्टी को महाराष्ट्र के हालिया चुनाव में 57 सीटों पर जीत मिली है। भाजपा जादुई नंबर से सिर्फ 13 कदम दूर है। बीजेपी को पांच निर्दलीय और 41 एनसीपी विधायकों का भी समर्थन है। ऐसे में उसके सामने बहुमत के आंकड़े को छूने में कोई परेशानी नहीं है। ऐसी स्थिति में एकनाथ शिंदे के पास बीजेपी का फॉर्मूला मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। शिंदे अगर सत्ता में नहीं रहते हैं तो आगामी मुंबई नगर निगम के चुनाव में उनकी स्थिति कमजोर हो सकती है। कहा जा रहा है कि मुंबई में जल्द ही नगर निगम के चुनाव कराए जा सकते हैं। मुंबई नगर निगम को शिवसेना का गढ़ माना जाता है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद अब एकनाथ शिंदे यहां भी अपनी मजबूती दिखाने की कोशिश करेंगे। शिंदे ने भले ही सीएम पद पर से अपना दावा वापिस ले लिया है, लेकिन बीजेपी के भीतर भी सीएम पद पर सस्पेंस बरकरार है। कहा जा रहा है कि बीजेपी पर्यवेक्षक भेजकर पहले विधायकों की राय लेगी और फिर नए मुख्यमंत्री का चुनाव करेगी।
एकनाथ शिंदे के समर्पण के बाद भी मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस
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