अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की बैठक के बाद एक विज्ञप्ति जारी की। विज्ञप्ति में कहा गया कि ब्लिंकन ने इटली के फिउग्गी में जी7 बैठक के इतर भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर से मुलाकात की।
आगे विज्ञप्ति में कहा गया है कि विदेश मंत्री ब्लिंकन और विदेश मंत्री जयशंकर ने द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत की स्थायी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। उन्होंने ने वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए भारत के साथ घनिष्ठ समन्वय जारी रखने की संयुक्त राज्य अमेरिका की इच्छा को रेखांकित किया।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक्स पर किया पोस्ट कि जब हम एक साथ काम कर रहे हैं तो अमेरिका और भारत मजबूत हैं। भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर और मैंने वैश्विक सुरक्षा और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए हमारे निरंतर करीबी सहयोग के महत्व पर चर्चा करने के लिए आज इटली में मुलाकात की।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ट्वीट किया कि हम वैश्विक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए अपने यूरो-अटलांटिक और इंडो-पैसिफिक सहयोगियों के साथ काम कर रहे हैं, जिसमें रूस के लिए पीआरसी और डीपीआरके का समर्थन भी शामिल है। साथ मिलकर, हम ताइवान जलडमरूमध्य, कोरियाई प्रायद्वीप और दक्षिण चीन सागर में एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक को बढ़ावा दे रहे हैं।"
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि किसी को युद्ध के मैदान में कोई समाधान नहीं मिलने वाला है और रूस-यूक्रेन के बीच लंबे समय से जारी संघर्ष की बात करें तो लोग किसी न किसी स्तर पर बातचीत की मेज पर आएंगे ही। उन्होंने कहा कि जितनी जल्दी वे ऐसा करेंगे, उतना ही बेहतर होगा क्योंकि बाकी दुनिया भी प्रभावित हो रही है।
जयशंकर जी-7 समूह में शामिल देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए 24 से 26 नवंबर तक तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर इटली में हैं।
विदेश मंत्री ने इतालवी अखबार 'कोरिएरे डेला सेरा' को दिए एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि आज हमारे सामने दो बड़े संघर्ष एक साथ हो रहे हैं। यह पूरे अंतरराष्ट्रीय तंत्र को भारी तनाव में डाल रहे हैं।
प्रकाशित साक्षात्कार में उनके हवाले से कहा गया- 'और हम केवल दर्शक बनकर यह नहीं कह सकते कि ठीक है, यही तरीका है। यह काम कर भी सकता है और नहीं भी। जब तक हम कोशिश नहीं करेंगे तब तक हमें पता नहीं चलेगा। लेकिन हम मानते हैं कि इन दोनों संघर्षों (यूक्रेन और पश्चिम एशिया में) पर देशों को पहल-प्रयास करने की जरूरत है। आगे कहा कि भले ही यह कितना भी कठिन क्यों न लगे, कुछ सामान्य आधार खोजने की कोशिश करें जोकि आज हमारे पास है।'
रूस-यूक्रेन संघर्ष पर जयशंकर ने दोहराया कि भारत सोचता है कि संघर्ष को समाप्त करने का रास्ता खोजने के लिए कूटनीति होनी चाहिए और हम यही करने की कोशिश कर रहे हैं। फरवरी 2022 में शुरू हुआ रूस-यूक्रेन संघर्ष 19 नवंबर को अपने 1,000वें दिन में प्रवेश कर गया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन से मुलाकात की और विश्व की स्थिति तथा भारत-अमेरिका साझेदारी पर चर्चा की जोकि निरंतर आगे बढ़ रही है।