नई दिल्ली । नैसकॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में भारत की जेनएआई फंडिंग तिमाही आधार पर छह गुना बढ़ी है। भारत ने वैश्विक जनरेटिव एआई की दुनिया में अपनी स्थिति मजबूत की है। नैसकॉम की रिपोर्ट कहती है कि भारतीय जेनएआई स्टार्टअप ने वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में 5.1 करोड़ डॉलर जुटाए जो वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में जुटाए गए 80 लाख डॉलर से अधिक हैं। टेक इंडस्ट्री एक्टिविटी के अनुसार दूसरी तिमाही के दौरान फंडिंग की गतिविधियों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई और रिकॉर्ड स्तर पर फंडिंग के 20 राउंड हुए जो पहली तिमाही की सुस्ती के बाद मजबूत सुधार को दर्शाता है। कुल फंडिंग में पिछले साल के मुकाबले 3.4 गुना इजाफा हुआ तथा एंटरप्राइज एप्लिकेशन और एजेंटिक एआई में निवेश ने इसकी अगुआई की। वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में जेनएआई फंडिंग का 90 प्रतिशत से अधिक भाग तीन स्टार्टअप नूरिक्स एआई, डैशटून और मिहप को मिला। वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में फंडिंग राउंड में तीन गुना तक वृद्धि हुई। सभी दौर में शुरुआती चरण वाले निवेशों का हिस्सा 77 प्रतिशत रहा जिसमें ऐंजल और सीड फंडिंग शामिल है। इस तिमाही में जेनएआई स्टार्टअप कंपनियों के लिए फंडिंग के दौर सीरीज ए राउंड में 1.5 करोड़ डॉलर और सीड राउंड में 1.25 करोड़ डॉलर से कम रहे, जिसका मुख्य कारण कृत्रिम और सर्वम जैसे मॉडल के निवेशों का न होना रहा, जो पिछली दो तिमाहियों में हावी रहे थे। नैसकॉम की वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य रणनीति अधिकारी संगीता गुप्ता ने कहा, जेनरेटिव एआई परिदृश्य तेजी से विकसित हो रहा है, प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाताओं को नया आकार दे रहा है और नई क्षमताओं को जन्म दे रहा है। प्रदाता रणनीतियों का नए सिरे से आकलन कर रहे हैं और प्रौद्योगिकी एवं प्रतिभा में निवेश बढ़ा रहे हैं। रिपोर्ट में भारत में तकनीकी उद्योग के जेनएआई के प्रयासों पर भी नजर डाली गई है।
जेनएआई स्टार्टअप में निवेश दूसरी तिमाही में छह गुना उछला
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