इस्लामाबाद। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के कार्यकर्ता और समर्थक लगातार इस्लामाबाद की तरफ बढ़ रहे हैं। इस्लामाबाद समेत पाकिस्तान के विभिन्न भागों में पीटीआइ समर्थकों के साथ संघर्ष में एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और 70 अन्य घायल हो गए।
अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान की पुलिस ने इमरान खान के समर्थकों पर आंसू गैस के गोले दागे, ताकि वे राजधानी में प्रवेश न कर सकें, जहां वे इमरान खान की रिहाई की मांग को लेकर धरना देने की उम्मीद कर रहे थे।
इमरान समर्थकों ने कई पुलिसकर्मियों को बंधक बना लिया। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कहा कि इस्लामाबाद में प्रवेश करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पीटीआइ समर्थकों को रोकने में पुलिस विफल रही।
हसनबादल पहुंचे खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर ने स्वाबी में भीड़ को संबोधित करते हुए कहा कि इमरान की रिहाई तक हम वापस नहीं लौटेंगे। उनके साथ चल रही इमरान की पत्नी बुशरा ने भी अपने पति को रिहा करने की मांग की। रास्ते में लगाए गए अवरोधों को हटाने के बाद पीटीआइ कार्यकर्ता सोमवार को इस्लामाबाद की तरफ बढ़ गए।
पीटीआइ कार्यकर्ता इस बार बुलडोजर और भारी मशीनें साथ लेकर चल रहे हैं। कई स्थानों पर रविवार को पीटीआइ कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी के बावजूद 60 से ज्यादा स्थानों पर पार्टी ने प्रदर्शन किया। इमरान ने लोगों से 24 नवंबर को देशव्यापी प्रदर्शन करने का आह्वान किया था। सोमवार को पीटीआइ के चेयरमैन बैरिस्टर गौहर अली खान और पार्टी के विभिन्न नेताओं ने रावलपिंडी के समीप अदियाला जेल में इमरान से मुलाकात की।
शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक के दौरान पीटीआइ के प्रदर्शन से असहज स्थिति का सामना कर चुके इस्लामाबाद प्रशासन ने धारा 144 लागू कर रखी है। बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बल और पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और सभी सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई है। इस बार भी ऐसे समय में प्रदर्शन होने जा रहा है जब बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकासेनको की अगुआई में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल सोमवार को पाकिस्तान दौरे पर पहुंचा है।
पंजाब में फल-सब्जी की किल्लत बढ़ी
सड़कों पर अवरोध और कंटेनर रखे जाने से 12 करोड़ जनसंख्या वाले पंजाब का संपर्क पाकिस्तान के शेष हिस्से से कट गया है। लगातार दूसरे दिन भी आवाजाही बंद रहने से लोगों को सब्जी, फल, दूध समेत अन्य जरूरी सामान नहीं मिल रहा है।