भोपाल । मप्र में सरकार समर्थन मूल्य पर हर साल अरबों रूपए का गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि अनाज खरीदती है। लेकिन रख-रखाव के अभाव और अफसरों की उदासिनता के कारण गोदामों में रखे ये अनाज सडऩे लगे हैं। मप्र नागरिक आपूर्ति निगम तथा भंडार गृह निगम के अफसरों एवं कर्मचारियों की लापरवाही तथा निजी ठेकेदारों की सांठ-गांठ के चलते किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया अरबों रुपए का एक लाख 18 हजार 741 क्विंटल अनाज जिसमें गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का गोदामों में रखा-रखा सड़ गया है। लेकिन इसकी चिंता किसी को नहीं है। हालत यह है कि अब ये अनाज मनुष्यों और जानवरों के खाने लायक तक नहीं बचा है।जानकारी के अनुसार खराब हो चुके अनाज में वर्ष 2015-16 से लेकर 2022-23 तक का खरीदा गया अनाज भी शामिल है। राज्य सरकार अब इसे औद्योगिक उपयोग करने वाले उद्योगपतियों को औने-पौने पर बेचना चाहती है, लेकिन बार-बार टेंडर होने के बाद भी नागरिक आपूर्ति निगम इसे नहीं बेच पा रहा है। जिम्मेदारों ने इस पर मौन साध लिया है। जिन जिलों के गोदामों पर अनाज रखा है वे हैं-गेहूं-शहडोल, रीवा, श्योपुर, शिवपुरी, बड़वानी, उज्जैन, हरदा, विदिशा, छतरपुर, नर्मदापुर, श्योपुर, सागर, टीकमगढ़, अनूपपुर, सीहोर, भोपाल, सीहोर, रीवा, रायसेन, नरसिंहपुर के गोदामों में रखा है। ज्वार-मुरैना, भिंड, अशोकनगर, दमोह, विदिशा, पन्ना तथा बाजरा – राजगढ़, रायसेन और चावल भोपाल, मुरैना, रायसेन, नसिंहपुर जिले के गोदामों में पड़ा हुआ है।
औने-पौने दामों पर बेच रहे अनाज
सूत्रों का कहना है कि विभाग के अफसर करोड़ों का अनाज औने-पौने दामों पर बेचने में लगे हुए है। वहीं, विभागीय मंत्री से जब बात हुई तो उन्होंने बताया कि नागरिक आपूर्ति निगम ने जो अनाज खरीदा है और गोदामों में खराब हो चुका है इसे बेचने की उन्हें कोई जानकारी नही है। गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2015-16 से वर्ष 2023-24 तक किसानों से समर्थन मूल्य पर खरीदा गया यह अनाज सड़ चुका है। निगम ने इसे बेचने के लिए कई बार टेंडर जारी किए, लेकिन वह अब तक अनाज बेच नहीं पाया है। अब निगम ने 26 नवंबर तक इस सड़े हुए अनाज को बेचने के लिए टेंडर आमंत्रित किए हैं। इसमें 11 मार्च 2024, 13 मार्च 2024 के नहीं बिक हुए अनाज सहित 22 अगस्त 2024 के निरस्त लाट के अनाज को फिर से बेचने के लिए नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक प्रताप नारायण यादव ने टेंडर जारी किए है। इस संबंध में एमडी यादव और महाप्रबंधक शिखा नरवाल से उनके मोबाइल पर कई बार संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव ही नहीं किया। नागरिक आपूर्ति निगम जो अनाज बेचना चाहता है वह प्रदेश भर के 170 गोदामों में अलग-अलग स्थानों पर रखा हुआ है।