नई दिल्ली । दिल्ली मेट्रो के फेज 4 के ऑपरेशन के लिए खरीदी गई छह कोचों वाली पहली मेट्रो ट्रेन शुक्रवार को दिल्ली पहुंच गई। यह मेट्रो ट्रेन फेज 4 के प्राथमिकता वाले कॉरिडोरों को पूरा करने और इसे ऑपरेट करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। ट्रेन को दिल्ली मेट्रो के मुकुंदपुर डिपो में रखा गया, जहां इसे प्रोटोकॉल के तहत रेवेन्यू सर्विस के सर्टिफिकेशन के लिए कई जरूरी परीक्षणों से गुजरना होगा। डीएमआरसी को अपने फेज 4 के प्राथमिकता वाले कॉरिडोरों, यानी मजलिस पार्क से मौजपुर, जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम मार्ग और तुगलकाबाद से दिल्ली एरोसिटी के लिए कुल 312 मेट्रो कोच (52 ट्रेनें) मिलेंगे। 312 कोचों में से 234 कोच लाइन-7 (पिंक लाइन) और लाइन-8 (मैजेंटा लाइन) के एक्सटेंशन सेक्शन यानी मजलिस पार्क से मौजपुर और जनकपुरी पश्चिम से आरके आश्रम मार्ग के लिए आवंटित किए गए हैं। बाकी 78 कोच तुगलकाबाद से दिल्ली एरोसिटी कॉरिडोर के लिए होंगे। जानकारी के अनुसार, ये सभी ट्रेनें ड्राइवरलेस तकनीक से लैस हैं, जो दिल्ली मेट्रो के अपने यात्रियों को विश्वस्तरीय सेवाएं देने की कोशिश और भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देंगी। भारत में बनी इन ट्रेनों को 95 किमी प्रति घंटे की सुरक्षित गति और 85 किमी प्रति घंटे की ऑपरेशनल स्पीड के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें जीओए 4 ड्राइवरलेस सुविधाएं हैं। दिल्ली मेट्रो वर्तमान में 288 मेट्रो स्टेशनों (नोएडा-ग्रेटर नोएडा कॉरिडोर और रैपिड मेट्रो, गुरुग्राम सहित) के साथ 392.4 किमी नेटवर्क को कवर कर रही है, जिसमें ब्रॉड गेज और स्टैंडर्ड गेज ट्रैक दोनों पर चार, छह और आठ कोच वाली लगभग 350 मेट्रो ट्रेनें हैं। दिल्ली मेट्रो ट्रेनें, दुनिया भर में सबसे एडवांस मेट्रो ट्रेनों में से हैं जो बड़े पैमाने पर अर्बन ट्रांसपोर्ट सेक्टर में चलती हैं। भारत में पहली बार दिसंबर, 2020 में दिल्ली मेट्रो नेटवर्क की मजेंटा लाइन पर ड्राइवरलेस ऑपरेशन की शुरुआत हुई थी। इसके बाद, नवंबर 2021 में पिंक लाइन पर भी ड्राइवरलेस सर्विस का विस्तार किया गया।
दिल्ली मेट्रो फेज 4 को रफ्तार देने पहली ट्रेन पहुंची हौले-हौले
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