भोपाल : सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा है कि व्यक्ति अगर सार्थक रूप से समाज के माध्यम से प्रकृति को आगे बढ़ाना चाहे तो बोनसाई जैसी कलाकृति सृजित होती है। प्रकृति से जोड़कर नई कलाकृति देना ही बोनसाई है। बोनसाई हमेशा सृजन का संदेश देता है। मंत्री सारंग ने यह बात शुक्रवार को गुलाब उद्यान में तीन दिवसीय बोनसाई प्रदर्शनी का शुभारंभ कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का संरक्षण करें पर्यावरण को आगे बढ़ाएं ताकि आने वाली पीढ़ी इस दुनिया में स्वच्छ वातावरण में रह सके। दुनिया को आगे बढ़ाने के लिए हमें सृजन की ओर जाना पड़ेगा। हर वर्ग, हर सेक्टर में प्रकृति के साथ सृजन की जरूरत है।
लेक सिटी बोनसाई एसोसिएशन के तत्वावधान में 15 से 17 नवंबर तक तीन दिवसीय बोनसाई प्रदर्शनी और कार्यशाला का आयोजन लिंक रोड नंबर एक स्थित गुलाब उद्यान में किया गया है। प्रदर्शनी में 400 से अधिक बोनसाई पौधों की अनूठी प्रतिकृतियों प्रदर्शित की गई है। प्रदर्शनी 16 और 17 नवंबर को सुबह 11 बजे से रात आठ बजे तक खुली रहेगी।
इस मौके पर भोपाल लेक सिटी बोनसाई एसोसिएशन की संस्थापक सदस्य अरुंधति तिवारी और देश-विदेश से आए विशेषज्ञ उपस्थित थे। इंडोनेशिया के बोनसाई विशेषज्ञ ययात हिदायत, अधित्य आजी पमुनगकास के साथ ही सौमिक दास नई दिल्ली, अनुपमा वडेचला बेंगलुरु, गोविंद राज हैदराबाद आदि बोनसाई प्रेमियों को इस विधा की बारीकियों से अवगत करवाया। भोपाल के 40 साल से ज्यादा समय से बोनसाई से जुड़े लोगों ने संग्रह का प्रदर्शन किया। प्रदर्शनी में जैड, मधुकामिनी, फाइकस, बुद्धा पीपल के 50 से 55 साल पुराने पेड़ विशेष रूप से आकर्षण का केंद्र रहे। इन्हें बड़े गमलों में विशेष आकार दिया गया।
कार्यक्रम में चेयरपर्सन मनीष श्रीवास्तव, अध्यक्ष जे. एस. बिंद्रा, सचिव दीपक नलावडे सहित पर्यावरण प्रेमी उपस्थित थे।