नई दिल्ली। जस्टिस संजीव खन्ना सोमवार को सीजेआई की शपथ लेंगे। संजीव खन्ना की विरासत वकालत की रही है। उनके पिता देवराज खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहे हैं। वहीं चाचा हंसराज खन्ना सुप्रीम कोर्ट के मशहूर जज थे। संजीव खन्ना अपने चाचा से प्रभावित थे, इसलिए उन्होंने 1983 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से एलएलबी की। इसके बाद जस्टिस खन्ना ने दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट से वकालत शुरू की। फिर दिल्ली सरकार के इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और दीवानी मामलों के लिए स्टैंडिंग काउंसल भी रहे। स्टैंडिंग काउंसल का आम भाषा में अर्थ सरकारी वकील होता है।
साल 2005 में जस्टिस खन्ना दिल्ली हाईकोर्ट के जज बने। 13 साल तक दिल्ली हाईकोर्ट के जज रहने के बाद 2019 में जस्टिस खन्ना का प्रमोशन सुप्रीम कोर्ट के जज के बतौर हो गया। संजीव खन्ना का हाईकोर्ट जज से प्रमोट होकर सुप्रीम कोर्ट का जज बनना भी विवादों में रहा था। 2019 में जब सीजेआई रंजन गोगोई ने उनके नाम की सिफारिश की, तब जजों की सीनियॉरिटी रैंकिंग में खन्ना 33वें स्थान पर थे। गोगोई ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट के लिए ज्यादा काबिल बताते हुए प्रमोट किया।
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