विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) भारतीय शेयर बाजार से लगातार बिकवाली कर रहे हैं। उन्होंने इस महीने पांच कारोबारी सत्रों में 19,994 करोड़ की निकासी की है। अक्तूबर में इन निवेशकों ने रिकॉर्ड 94,017 करोड़ के शेयर बेचे थे।
आंकड़ों के मुताबिक, एफआईआई ने कैलेंडर वर्ष 2024 में जनवरी से लेकर अब तक शुद्ध रूप से 13,401 करोड़ के शेयर बेचे हैं। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अब तक 24,295 करोड़ की शुद्ध बिकवाली की है। इसका सीधा असर यह हुआ कि अक्तूबर में निफ्टी छह फीसदी से ज्यादा टूट गया। यह पिछले साढ़े चार साल में किसी एक महीने में सबसे बड़ी गिरावट थी। बिकवाली के कारण इस महीने के पांच सत्रों में सेंसेक्स 238 अंक टूट गया। कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में भी 3.75 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई।
बैंकिंग शेयरों से सर्वाधिक 26,139 करोड़ की निकासी
विदेशी निवेशकों ने अक्तूबर में सबसे ज्यादा 26,139 करोड़ रुपये के बैंकिंग कपनियों के शेयर बेचे हैं। इसके बाद तेल, गैस, एफएमसीजी और ऑटो क्षेत्र के शेयरों की बिकवाली रही। तेल और गैस क्षेत्र से 21,444 करोड़ रुपये की निकासी हुई है। एफएमसीजी से 11,582 करोड़ रुपये और ऑटो सेक्टर से 10,440 करोड़ रुपये निकाले गए हैं।
आईटी समेत इन क्षेत्रों में भी घटाई हिस्सेदारी
एफआईआई ने उपभोक्ता सेवाओं, आईटी, बिजली, रियल्टी और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों में भी अपनी हिस्सेदारी घटा दी। विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था और भारतीय कॉरपोरेट की कमाई घटने का यह असर है। साथ ही, चीन के प्रोत्साहन का भी असर है। हालांकि, घरेलू निवेशक वित्तीय शेयरों में लगातार खरीदी कर रहे हैं।
विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सितंबर में घरेलू बाजार में शुद्ध रूप से 57,723 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे।