दंतेवाड़ा।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के चार मजदूरों और नाबालिगों को आंध्र प्रदेश में बंधक बनाकर प्रताड़ित किए जाने की घटना में दंतेवाड़ा पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस ने 26 घंटे के भीतर ऑपरेशन चलाकर सभी मजदूरों को सुरक्षित रेस्क्यू किया है. इसके साथ ही दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने आरोपियों को आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के कोटपल्ली से पकड़ा और उन्हें आज न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. जानकारी के अनुसार, प्रार्थी प्रेमा मांडवी निवासी तेलम, थाना कटेकल्याण ने पुलिस को रिपोर्ट दर्ज कराई कि आंध्र प्रदेश के कुर्तेवैन्यू स्थित एक झींगा कंपनी के मैनेजर ने उन्हें अच्छी सैलरी, फ्री खाना और चिकित्सा सुविधा का झांसा देकर काम के लिए बुलाया. प्रेमा मांडवी अपने गांव के 6 अन्य साथियों के साथ झींगा कंपनी में काम करने गए, जहां उनका काम झींगा मछली को दाना देने और घास काटने का था. जब इन मजदूरों और बालकों ने मजदूरी मांगी, तो सुपरवाइजरों ने उन्हें मारपीट कर बंधक बना लिया और जबरन काम कराया. किसी तरह प्रेमा मांडवी वहां से भाग निकले और घटना की जानकारी थाना कटेकल्याण में दी. पुलिस अधीक्षक गौरव राय के निर्देश पर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्मृतिक राजनाला और रामकुमार बर्मन के मार्गदर्शन में दंतेवाड़ा पुलिस की एक टीम कुर्तेवैन्यू, आंध्र प्रदेश रवाना हुई. पुलिस ने स्थानीय पुलिस की सहायता से बंधक बने मजदूर लिंगा मांडवी, बुधराम मंडावी और बालकों को सुरक्षित रेस्क्यू किया.
गिरफ्तार आरोपी
पुलिस ने आरोपियों एल. श्रीनिवास (42 वर्ष) और ए. सुरेश (21 वर्ष) को गिरफ्तार कर आज दंतेवाड़ा की प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया. दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है.