नई दिल्ली। इंडियन मोबाइल कांग्रेस में सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के आवंटन पर विवाद बढ़ गया है। ग्लोबल प्लेयरों और भारतीय टेलीकॉम कंपनियों के बीच मतभेद उभर कर सामने आए हैं। जबकि स्टारलिंक और अमेजन जैसे अंतरराष्ट्रीय कंपनियां प्रशासनिक आवंटन के पक्ष में हैं, वहीं रिलायंस और भारती एंटरप्राइजेज ने स्पेक्ट्रम के नीलामी द्वारा आवंटन की जरुरत पर जोर दिया है। दोनों पक्षों का कहना है कि यह प्रक्रिया सभी को समान अवसर देने में मदद करेगी।
केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सरकार किसी को भी मुफ्त में सैटेलाइट स्पेक्ट्रम नहीं देगी। उन्होंने साफ कहा कि इसकी कीमत तय करने के लिए ट्राई फार्मूला तैयार करेगा और स्पेक्ट्रम का आवंटन टेलीकॉम एक्ट के तहत ही किया जाएगा। सिंधिया ने इस अवसर पर भारत की 5जी में प्रगति का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि भारत ने 5जी सेवाओं को 21 महीने में 98फीसदी जिलों और 90फीसदी गांवों तक पहुंचा दिया है। भारत 6जी में विश्व नेतृत्व करेगा, क्योंकि 4जी में हम दुनिया के पीछे और 5जी में दुनिया के साथ थे।
सिंधिया ने टेलीकॉम कंपनियों द्वारा टैरिफ बढ़ाने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में टेलीकॉम नेटवर्क में 1400फीसदी की वृद्धि हुई है, वॉयस कॉल की कीमत 51 पैसे से घटकर 3 पैसे हो गई है। इसके अलावा, 4जी से 5जी में संक्रमण के लिए 4.26 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया गया है और इस निवेश का रिटर्न समय के साथ आना चाहिए।
किसी को भी मुफ्त में सैटेलाइट स्पेक्ट्रम नहीं देगी सरकार : सिंधिया
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