रायपुर। छत्तीसगढ़ में 01 सितम्बर से 30 सितम्बर तक जन आंदोलन के रूप में 7वां राष्ट्रीय पोषण माह आयोजित किया गया। इस दौरान गांवों से लेकर राज्यस्तर तक सुपोषण, बच्चों में व्याप्त कुपोषण एवं किशोरी बालिकाओं, गर्भवती एवं शिशुवती महिलाओं में एनीमिया के संबंध में जागरूकता के लिए स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का संचालन किया गया। इस अभियान में हर वर्ग के लोगों की सक्रिय सहभागिता रही।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पोषण माह के प्रारंभ में सुपोषित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए राज्य के समस्त जनप्रतिनिधि, पंचायती राज संस्था के प्रतिनिधियों महिला स्व-सहायता समूहों, प्रबुद्ध वर्ग, विद्यार्थी वर्ग, सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्रों के निकायों के प्रतिनिधि एवं समस्त जनसमुदाय से सक्रिय सहभागिता की अपील की थी। पोषण माह की गतिविधियों में महिलाओं और बच्चों को पोषण के प्रति जागरूक करने के लिए है जन प्रतिनिधियों, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, महिला स्वसहायता समूह, प्रबुद्ध नागरिकों, विद्यार्थियों और स्थानीय जन समुदाय का भरपूर सहयोग मिला। पोषण माह का शुभारम्भ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं विभागीय मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े द्वारा पोस्टर व वीडियो का विमोचन, पोषण रथ को हरी झंडी दिखाकर एवं पोषण शपथ दिलवाकर किया गया था।
विभागीय अमलों सहित सम्पूर्ण पोषण माह में जनप्रतिनिधियों, पंचायतीराज संस्थाओं, के प्रतिनिधि, स्व-सहायता समूह के सदस्यों की उत्साहपूर्ण भागीदारी रही। महिला एवं बाल विकास विभाग श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े के कुशल नेतृत्व, श्रीमती शम्मी आबिदी सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रभावी मार्गदर्शन और श्रीमती तुलिका प्रजापति, संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग के सतत् प्रोत्साहन से राष्ट्रीय पोषण माह 2024 में छत्तीसगढ़ ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए 01 करोड़ 33 लाख से ज्यादा गतिविधियों का आयोजन किया गया। छत्तीसगढ़ ने इसमें पूरे देश में तृतीय स्थान प्राप्त किया।
प्रदेश में कुल गतिविधि संख्या के आधार पर 8.77 लाख गतिविधि आयोजित कर जिला दुर्ग प्रथम, 8.70 लाख गतिविधि आयोजित कर जशपुर द्वितीय, 8.44 लाख गतिविधि आयोजित कर रायपुर तृतीय, 7.92 लाख गतिविधि आयोजित कर गरियाबंद चतुर्थ एवं 7.70 लाख गतिविधि आयोजित कर बलरामपुर पांचवें स्थान पर रहें। प्रति आंगनबाड़ी औसत गतिविधि संख्या के आधार पर जिला क्रमशः दुर्ग प्रथम, गरियाबंद द्वितीय, रायपुर तृतीय, धमतरी चतुर्थ एवं कबीरधाम पांचवे स्थान पर रहें। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण माह के दौरान एक विशेष अभियान के रूप में वजन त्यौहार का आयोजन किया गया, जिसमें समुदाय के सभी 0 से 06 वर्ष के बच्चों का वजन एवं ऊंचाई लेकर वृद्धि मापन किया गया। इस अभियान में लगभग 23 लाख बच्चों का वृद्धि मापन किया गया।
राष्ट्रीय पोषण माह 2024 की मुख्य थीम एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक पोषण आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, बेहतर प्रशासन, पारदर्शिता और कुशल सेवा वितरण के लिए प्रौद्योगिकी का आयोजन और समग्र पोषण रखी गई थी। भारत शासन द्वारा प्रेषित थीम के आधार पर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पूरे माह के लिए प्रतिदिन राज्य, जिला, विकासखण्ड, और आंगनबाड़ी केन्द्र स्तर पर आयोजित की जाने वाली गतिविधियांे के लिए रोड मैप के रूप में दिनांकवार गतिविधि कैलेंडर तैयार किया गया। जिसके आधार पर व्यापक पैमाने पर थीम आधारित गतिविधियों का आयोजन किया गया। एनीमिया कैम्प, स्वास्थ्य जांच शिविर, पोषण संबंधी जागरूकता, भाषण एवं निबंध प्रतियोगिता जैसी गतिविधियां आयोजित की गई-
महिला एवं बाल विकास तथा स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से एनीमिया कैम्प, एनीमिया जागरूकता गतिविधियां, वीएचएसएनडी दिवस का आयोजन, आईवायसीएफ गतिविधियां, स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित शालाओं एवं आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित छात्रावासों में छात्रों द्वारा पोषण संबंधी जागरूकता के लिए शपथ, व्यंजन प्रतियोगिता, व्यंजन प्रदर्शनी, भाषण प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, खेल भी पढ़ाई भी, पोषण भी पढ़ाई भी, पोषण चौपाल, खेल खेल में पोषण ज्ञान प्राप्त करने संबंधी गतिविधियों का आयोजन किया गया। कृषि विभाग के सहयोग से मिलेट आधारित पौष्टिक भोजन संबंधी जागरूकता शिविर, प्रदर्शनी, जैविक उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देने हेतु प्रचार-प्रसार इत्यादि गतिविधियां आयोजित की गई। लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग द्वारा जल संरक्षण एवं सुरक्षित पेयजल के उपयोग, वेस्ट वाटर के उचित निपटान के संबंध में जागरूकता प्रसार संबंधी उल्लेखनीय कार्य किया गया। वन विभाग द्वारा एक पेड़ मॉं के नाम अभियान अंतर्गत विशेष सहयोग देते हुए वृहत वृक्षारोपण का कार्य किया गया। आयुष विभाग द्वारा राज्य, जिला, विकासखंड एवं आंगनबाड़ी स्तर पर व्यापक पैमाने पर कुपोषण एवं एनीमिया की रोकथाम के लिए स्वस्थ जीवनशैली, पौष्टिक आहार, योग गतिविधियां का प्रचार-प्रसार एवं आयोजन किया गया। खाद्य विभाग के सहयोग से सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत संचालित उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से जन समुदाय के मध्य पौष्टिक आहार के सेवन के संबंध में प्रचार प्रसार किया गया। ग्राम पंचायतों में पोषण विषय पर विशेष चर्चा की गई। पोषण माह के दौरान महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ अन्य सहयोगी विभागों द्वारा सक्रिय रूप से सहभागिता दी गई एवं सभी विभागों द्वारा समन्वित रूप से पोषण, स्वास्थ्य, स्वच्छता, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, स्थानीय पौष्टिक आहार, स्वस्थ्य जीवनशैली, पोषण के साथ पढ़ाई का संदेश जनसमुदाय तक पहुंचाया गया।
पोषण जागरूकता गतिविधियों में छत्तीसगढ़ को मिला देश में तीसरा स्थान
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