भोपाल । नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम संगठन के आव्हान पर मध्य प्रदेश के सभी जिलों में कर्मचारी गुरुवार को कलेक्टर के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को ज्ञापन सौंपेंगे। कर्मचारियों ने केंद्र सरकार की नई पेंशन स्कीम यूनिफाइड पेंशन स्कीम में कई खामियां गिनाते हुए पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग दोहराई है। नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम मध्य प्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष परमानंद डेहरिया ने खासकर 2.87 लाख शिक्षक (अध्यापक संवर्ग), 22 हजार पंचायत सचिव और साल 2005 के बाद नियुक्त 1.50 लाख से अधिक कर्मचारियों से आंदोलन में शामिल होने की अपील की है। बता दें कि प्रदेश में 4.59 लाख कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम के दायरे में आते हैं। संगठन राष्ट्रीय स्तर पर पुरानी पेंशन बहाली के लिए साल 2017 से आंदोलन चला रहा है। संगठन ने 26 सितंबर को प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री को सौंपे जाने वाले ज्ञापन का प्रारूप जारी किया है, जो सभी जिलों में सौंपा जाएगा। ऐसा इसलिए किया गया, ताकि ज्ञापन में एकरुपता रहे और सरकार पर पुरानी पेंशन की बहाली के लिए दबाव बनाया जा सके।
केंद्रीय कैबिनेट ने अगस्त 2024 में यूनिफाइड पेंशन स्कीम को मंजूरी दी है। कर्मचारियों ने इसमें भी खामियां गिनाई हैं। उनका कहना है कि इस स्कीम में शिक्षक, अधिकारी-कर्मचारी के रिटायर होने के बाद की सामाजिक सुरक्षा नहीं है। यह एनपीएस से भी अधिक खतरनाक जान पड़ती है। इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए। बता दें कि केंद्र सरकार यूपीएस को 1 अप्रैल 2025 से लागू कर रही है। एनपीएस में भी सेवा में रहते हुए मृत्यु होने के बाद पारिवारिक पेंशन के नियम भी विवादास्पद हैं।
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