सनातन धर्म में किसी भी शुभ काम की शुरुआत भगवान गणेश के नाम के साथ ही होती है। मान्यता है कि खुद देवता भी भगवान गणेश का नाम लिए बिना अपने किसी कार्य की शुरूआत नहीं करते। शास्त्रों में वर्णित है कि सभी देवताओं से पहले गणेश की पूजा का प्रावधान है। बिना गणेश की पूजा शुरू किए अगर किसी अन्य देव की पूजा की जाए तो वह फलदायक नहीं होती। गणेश को मोदक और दुर्वा घास अधिक प्रिय है, लेकिन अगर घर में खुद ही प्रतिमा को बनाए और इसकी पूजा करें तो गणपति आवश्य ही प्रसन्न होते हैं और मनवांछित मुराद पुरी करते हैं।
अभीष्ट सिद्धि के लिए बनाएं इस मिट्टी की प्रतिमा
शास्त्रों के अनुसार गणपति की मूर्ति बनाने के लिए कई नियम बताये गए हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप भगवान गणपति की मूर्ति इन खास चीजों से बनाते हैं तो आपसे भगवान गणेश जल्दी ही प्रसन्न हो जाते हैं। अगर आपको प्रतिमा बनानी आती है या आप इसकी कोशिश कर रहे हैं तो आप सांप के बांबी की मिट्टी घर ले आए और उससे गणेश की प्रतिमा बनाकर उसकी पूजा करें। यह प्रतिमा आपको अभीष्ट सिद्धि प्रदान करेगी। इसे बेहद ही शुभ माना जाता है। यह प्रतिमा घर में सुख समृद्धि और धन की कमी पूरी करती है। माना जाता है कि सांप की बांबी की मिट्टी सबसे शुद्ध होती है। सांप भगवान शिव के गले में पड़ा रहता है। गणेश जी भगवान शिव के पुत्र हैं।
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