पटना। पटना के गांधी मैदान में 27 अक्टूबर 2013 को नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली में हुए सीरियल ब्लास्ट में पटना हाईकोर्ट ने 4 आतंकियों की फांसी को उम्रकैद में बदला है। सिविल कोर्ट ने सभी को फांसी की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने बाकी 2 दोषियों की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। ब्लास्ट में निचली अदालत ने 4 को फांसी और 2 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
दोषियों के वकील इमरान घानी ने बताया कि अपील पर सुनवाई करते हुए 4 दोषियों को आजीवन कारावास (30 साल) की सजा सुनाई है, जबकि 2 दोषियों के लिए निचली अदालत के फैसले को सुरक्षित रखा है। यह फैसला जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने दिया है। नुमान अंसारी, मोहम्मद मजीबुल्ला, हैदर अली, इम्तियाज आलम को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिसे अब हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया है। वहीं, उमैर सिद्दकी और अजरहुद्दीन कुरैशी के लिए निचली अदालत का जो आजीवन कारावास का फैसला है, उसे यथावत रखा है। बचाव पक्ष के वकील इमारन घानी ने बताया कि इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
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