नई दिल्ली। भारत ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के क्षेत्र में चीन और अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए नया रिकॉर्ड बनाया है। अप्रैल से जुलाई 2024 तक, भारत में यूपीआई के जरिए से कुल 81 लाख करोड़ रुपए के लेन-देन किए, जो कि किसी भी डिजिटल पेमेंट प्लेटफॉर्म के द्वारा दुनिया में किया गया अब तक का सबसे बड़ा ट्रांजैक्शन है।
खात बात यह है कि यूपीआई लेन-देन की संख्या में पिछले साल की तुलना में 37 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। भारतीय यूपीआई प्लेटफॉर्म ने चीन के अलीपे और अमेरिका के पेपल को पीछे छोड़ दिया है। इस उपलब्धि ने भारत के डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र को एक नई दिशा दी है और वैश्विक स्तर पर भारत की तकनीकी प्रगति को और भी साफ कर दिया है।
एक रिपोर्ट से पता चलता है कि यूपीआई प्लेटफॉर्म पर अब हर सेकंड 3,729.1 लेन-देन हो रहे हैं, जबकि पिछले साल तक यह संख्या 2,348 प्रति सेकंड थी। मतलब साफ है कि यूपीआई पेमेंट में करीब 58फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस साल जुलाई में यूपीआई से लेन-देन की कुल राशि 20.6 लाख करोड़ रुपए थी, जो किसी एक महीने में सबसे ज्यादा है। इसके अलावा, यूपीआई ट्रांजैक्शंस ने लगातार तीन महीनों तक 20 लाख करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत दुनिया में डिजिटल पेमेंट के मामले में सबसे आगे है। यहां कुल डिजिटल लेन-देन में 40फीसदी से ज्यादा पेमेंट डिजिटल तरीके से होते हैं, और इनमें से सबसे ज्यादा यूपीआई के जरिए किए जाते हैं।
भारत ने यूपीआई के क्षेत्र में चीन-अमेरिका को पछाड़ा, नया रिकॉर्ड बना
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