बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शहर की विद्युत वितरण और स्ट्रीट लाइट्स की खराब स्थिति को लेकर बुधवार को सख्त निर्देश जारी किए थे। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अध्यक्षता वाली डिवीजन बेंच ने नगर निगम को 48 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए सभी खराब लाइटों को सुधारने का आदेश दिया था। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि जब तक शहर की विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाती, इस मामले को बंद नहीं किया जाएगा और अगली सुनवाई 7 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।
शहर की स्ट्रीट लाइट्स की खराब स्थिति को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह संज्ञान लिया कि हजारों स्ट्रीट लाइट्स लंबे समय से खराब पड़ी हैं, जिससे लोगों को अंधेरे में आवागमन करना पड़ रहा है और दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। नए लगाए गए लाइटें भी काम नहीं कर रही थीं, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई थी।
शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान नगर निगम बिलासपुर के आयुक्त ने कोर्ट में शपथपत्र पेश किया, जिसमें बताया गया कि स्ट्रीट लाइट्स और अन्य लाइटों की मरम्मत और निगरानी के लिए विभिन्न दल बनाए गए हैं, जो लगातार काम कर रहे हैं। जहां-जहां लाइटें खराब हैं, उन्हें बदला जा रहा है और नई व्यवस्था की जा रही है। आयुक्त ने कहा कि नगर निगम सीमा के अंतर्गत सभी लाइटों को जल्द से जल्द ठीक किया जाएगा।
कोर्ट ने इस मामले में उर्जा सचिव से भी शपथपत्र मांगा था, जिसे प्रस्तुत नहीं किया जा सका। सचिव की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने कोर्ट में पक्ष रखा और बताया कि विद्युत वितरण व्यवस्था में सुधार के प्रयास जारी हैं। विद्युत मंडल की ओर से एडवोकेट मयंक चंद्राकर ने भी कोर्ट में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने सुनवाई के दौरान कहा कि शहर की बिजली व्यवस्था तो खराब है ही, पूरे प्रदेश में विद्युत वितरण की स्थिति संतोषजनक नहीं है। उन्होंने कहा, किसी भी स्थान पर जाएं, लोगों से शिकायतें जरूर मिलती हैं। मुख्य मार्गों और हाईवे पर भी अंधेरा रहता है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। रायपुर एक्सप्रेस-वे पर शाम होते ही अंधकार छा जाता है, जो बेहद चिंताजनक है।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने सडक़ों पर आवारा मवेशियों की समस्या का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सडक़ों पर मवेशियों की टकराहट से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने नगर निगम से इस समस्या का भी समाधान करने को कहा। इस पर नगर निगम की ओर से जानकारी दी गई कि 11 काऊ कैचर्स मंगवाए गए हैं और सडक़ों पर आवारा मवेशियों को पकडऩे का काम जारी है।
लचर बिजली व्यवस्था हाईकोर्ट सख्त, कहा-जब तक सुधार नहीं होगा, केस पेंडिंग रहेगा
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