यूक्रेन की यात्रा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत अशांत क्षेत्र में शांति का समर्थन करता है और उन्होंने दोहराया कि ‘‘यह युद्ध का युग नहीं है’’ और किसी भी संघर्ष को कूटनीति और बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए।
पोलैंड की राजधानी में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘दशकों तक भारत की नीति सभी देशों से दूरी बनाकर रखने की रही थी। हालांकि आज के भारत की नीति सभी देशों के करीब रहने की है।’’
प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “भारत और पोलैंड के समाज में अनेक समानताएं हैं। एक बड़ी समानता लोकतंत्र की भी है…भारत के लोगों का लोकतंत्र पर अटूट भरोसा है। ये भरोसा हमने हाल के चुनावों में भी देखा है…हम भारतीय विविधता को जीना भी जानते हैं और उत्सव मनाना भी जानते हैं। इसलिए हर सोसाइटी में हम आसानी से घुल मिल जाते हैं…”
उन्होंने ‘मोदी-मोदी’ के नारों के बीच कहा, ‘‘भारत इस क्षेत्र में स्थायी शांति का समर्थक है। हमारा रुख बहुत स्पष्ट है – यह युद्ध का युग नहीं है।
यह उन चुनौतियों के खिलाफ एक साथ आने का समय है जो मानवता को खतरे में डालती हैं। इसलिए, भारत कूटनीति और संवाद में विश्वास करता है।’’ उनकी यह टिप्पणी कीव की यात्रा से पहले आई है। वर्ष 1991 में यूक्रेन के स्वतंत्र होने के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की इस देश की यह पहली यात्रा होगी।
प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के निमंत्रण पर यूक्रेन की यात्रा पर जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि वह यूक्रेन के नेता के साथ, संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर अपने विचार साझा करेंगे। मोदी की कीव यात्रा मॉस्को की उनकी यात्रा के लगभग छह सप्ताह बाद हो रही है। मोदी की मॉस्को यात्रा की अमेरिका और उसके कुछ पश्चिमी सहयोगियों ने आलोचना की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वारसॉ में भारतीय सामुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “45 साल बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री पोलैंड आया है… ऐसे कई देश हैं जहां दशकों तक भारत का कोई प्रधानमंत्री पहुंचा नहीं है। लेकिन अब परिस्थितियां दूसरी हैं। दशकों तक भारत की नीति थी कि सारे देशों से समान दूरी बनाए रखो। आज के भारत की नीति है सारे देशों से समान रूप से नजदीकी बनाओ…” उन्होंने कहा, “2 दशक पहले जब गुजरात में भीषण भूकंप आया था तब जामनगर भी उसकी चपेट में आ गया था। तब पोलैंड मदद के लिए पहुंचने वाले सबसे पहले देशों में से एक था…भारत जामसा मेमोरियल यूथ एक्शन प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है…”
मोदी ने कहा, ‘‘आज का भारत सभी से जुड़ना चाहता है। आज का भारत सभी के विकास की बात करता है। आज का भारत सभी के साथ है और सभी के हितों के बारे में सोचता है।’’ मोदी ने कहा कि अगर किसी देश पर संकट आता है तो भारत सबसे पहले मदद के लिए हाथ बढ़ाता है। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया में कहीं भी भूकंप या कोई आपदा आती है तो भारत का एक ही मंत्र है – मानवता सबसे पहले।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “दुनिया के किसी भी देश में संकट आए, भारत पहला देश होता है जो मदद के लिए हाथ बढ़ाता है…जब कोविड आया, तो भारत ने कहा ‘मानवता सबसे पहले’…भारत बुद्ध की विरासत वाली धरती है जो युद्ध नहीं शांति की बात करती है… ये युद्ध का युग नहीं है। ये उन चुनौतियों से निपटने के लिए एकजुट होने का समय है जिनसे मानवता को सबसे बड़े खतरे हैं। इसलिए भारत कूटनीति और संवाद पर बल दे रहा है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगे कहा, “पिछले दस साल में हमने भारत में 300 से ज्यादा नए मेडिकल कॉलेज बनाए। पिछले दस साल में भारत में मेडिकल सीटें दो गुणा हो चुकी हैं। इन दस सालों में हमने मेडिकल सिस्टम में 75,000 नई सीटें जोड़ी हैं। आने वाले 5 साल में हम मेडिकल सिस्टम में 75,000 नई सीटें और जोड़ने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं… वो दिन दूर नहीं है जब हम दुनिया को कहेंगे कि ‘हील इन इंडिया’…”
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