कोलकाता । बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को बुलडोजर से तोड़ गया। हंगामा कर रहे प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश के राष्ट्रपिता मुजीब के स्टैच्यू पर न सिर्फ हथौड़ा चलाया, बल्कि पेशाब करने जैसी घटिया हरकतें भी कीं। उनके पोस्टर पर जूते मारे गए और कालिख पोती गई। अपने ही देश में शेख मुजीबुर रहमान के प्रति ऐसी नफरत से दुनिया चौंक गई। कई सवाल खड़े हुए। बांग्लादेश की करेंसी टका पर भी बंगबंधु की तस्वीर है, तब क्या वहां की नई सरकार नोट भी बदल देगी? इसकी चिंता करने वालों में भारत-बांग्लादेश बॉर्डर बैठे मनी एक्सचेंज करने वाले लोग भी शामिल हैं। अनुमान के मुताबिक भारत के मनी एक्सचेंज कारोबारियों के पास करोड़ों टका है, जिसे वह कमीशन के साथ अदला-बदली करते हैं। फिलहाल दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर कारोबार ठप है और रुपये से टका बदलने वालों की तादाद भी कम हुई है।
बांग्लादेश-इंडिया बॉर्डर पर मनी एक्सचेंज करने वाले इस राजनीतिक उठापटक से परेशान हैं। मनी एक्सचेंजर्स टका को भारतीय करेंसी और रुपये को बांग्लादेश की करेंसी टका में बदलते हैं। 100 रुपये के बदले 70 टका के हिसाब से इनका कारोबार चलता है। पेट्रापोल बॉर्डर पर कारोबार करने वाले कारोबारी बताते हैं कि जिस तरह टेलीविजन पर शेख मुजीब की प्रतिमा को गिराते हुए देख रहे हैं, उससे लगता है कि आने वाली सरकार टका को बंद कर देगी। भारतीय रुपये में गांधी की तरह बांग्लादेशी टका पर भी शेख मुजीब की तस्वीर लगी है।
एक कारोबारी गौरंगा घोष ने बताया कि सोमवार से उनके दुकान पर कोई करेंसी बदलने नहीं आया। पहले रोजाना 70-80 लोग आते थे, पिछले चार दिनों में एक ग्राहक आया है। नोट नहीं बदले जाने से जहां कमाई रुक गई है, वहीं नुकसान का डर सता रहा है। अब कारोबारी जल्द से जल्द बांग्लादेश के टका के स्टॉक को खत्म करना चाहते हैं। बॉर्डर पर खड़े ट्रकों की आवाजाही शुरु होगी, तब करेंसी एक्सचेंज करने वालों की चिंता दूर होगी। बांग्लादेश जाने वाले भारतीय कारोबारी खरीदारी के लिए टका लेते हैं। ट्रक वाले भी छोटी जरूरतों के लिए बांग्लादेशी करेंसी लेते हैं।
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